जश्न-ए-इश्क़
तेरे इश्क़ का रंग चढ़ने लगा है
देख असमान भी रंग बदलने लगा है
शर्मा के लाल हो गया
मेरे दिल का भी यही हाल हो गया
तेरी मुस्कुराहटों का असर बढ़ने लगा है
रग़ों में खून अब दौड़ने लगा है
थकता नहीं तेरे नाम से
मेरी धड़कनो का भी यही काम हो गया
बस तेरे इश्क़ की मुस्कान ज़िंदा रखे है मुझे
वरना साँसे तो पहेले भी चल रही थी।
देख असमान भी रंग बदलने लगा है
शर्मा के लाल हो गया
मेरे दिल का भी यही हाल हो गया
तेरी मुस्कुराहटों का असर बढ़ने लगा है
रग़ों में खून अब दौड़ने लगा है
थकता नहीं तेरे नाम से
मेरी धड़कनो का भी यही काम हो गया
बस तेरे इश्क़ की मुस्कान ज़िंदा रखे है मुझे
वरना साँसे तो पहेले भी चल रही थी।
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