Rab ka banda
रोये काहे तू है रब का बन्दा
काहे बाँधे वो धागे जो बन जाये फन्दा
कोशिश तो कर खुलेगा
इन हवाओं से लिपट कर तू भी बहेगा
महूस होगा तू भी है ज़िन्दाँ
काहे बाँधे वो धागे जो बन जाये फन्दा
कोशिश तो कर खुलेगा
इन हवाओं से लिपट कर तू भी बहेगा
महूस होगा तू भी है ज़िन्दाँ
काहे रोये तू है रब का बन्दा
कहता सौ वारी सौ बातें ये जहाँ
इनके कहे तेरा कुछ न छूटता
पर जो तु रोये इनके केहने पर
कहता सौ वारी सौ बातें ये जहाँ
इनके कहे तेरा कुछ न छूटता
पर जो तु रोये इनके केहने पर
तेरा खुद से नाता टूटता
काहे रोये तू है रब का बन्दा
जल जाये कागज़ कहानी न जल पाये
लिख ऐसी कहानी पूरा आस्मां कम पड जाये
महसूस होगा तु भी है जिँदा
रोये काहे तू है रब का बन्दा।।
काहे रोये तू है रब का बन्दा
जल जाये कागज़ कहानी न जल पाये
लिख ऐसी कहानी पूरा आस्मां कम पड जाये
महसूस होगा तु भी है जिँदा
रोये काहे तू है रब का बन्दा।।
बढ़िया! बस 'महसूस' सही करना बाकी है ;)
ReplyDeleteBingo!! Superb!!
ReplyDeleteअरे वाह छा गए गुरु.
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