Zindagi ek peheli
ज़िन्दगी एक पहेली है
सब कहते है यूँ
कह के सब भूल जाते है,
अगले ही पल इसे समझाना चाहते है
सब कहते है यूँ
कह के सब भूल जाते है,
अगले ही पल इसे समझाना चाहते है
और उलझनो को गले लगाते है
राहो पे अकेले चलना है
और संग चल रहे काफिलों में भी डूबना है।।
दिल को कोस रहा हर कोई
पर इस दिल से ही तो ये ज़िन्दगी
और संग चल रहे काफिलों में भी डूबना है।।
हर मोड़ नया रंग दिखा रह था
पर रंगो की चाहत खोने लगी..
गम के वो पल आंसुओं के संग बहते नहीं
खुशियो के लम्हे पलक झपकते पिघल जाते
सूरज की रौशनी से ही दिन नया
और सूरज से ही शाम नई
सूरज की रौशनी से ही दिन नया
और सूरज से ही शाम नई
दिल को कोस रहा हर कोई
पर इस दिल से ही तो ये ज़िन्दगी
और इस दिल को हम समझाते
ज़िन्दगी एक पहेली है
पर कह के सब भूल जाते
पर कह के सब भूल जाते
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