आतंक के विररुद्ध
धड़कने तेज़ होने लगती है ,क्लेश जब होता है
दिल मायूस हो उठता है , खून जब बेहता है
पर न बने कमज़ोर न मजबूर क्यूंकि
अन्धकार में है वो जो आतंक को हथियार बनाए
अधिकार है हमे की हम उस आतंक को ठुकराए
न खुदा न कोई दूजा करेगा तय
विश्वास खुद पर ही कर बढ़ना आगे
न आतंक न भय , होगी शान्ति की जय
हर कदम के साथ बनता चल तू निर्भय
रह कर अकेला कोई न जीत पाया है
हाथों से हाथों को मिल कर ही वो आतंक देश बन पाया है
हो एहसास ये जब हमे
एक जूट होगा हर इंसान आतंक के विरुद्ध
अकेला रह जायेगा वो आतंक देश
मजबूत होगा इंसान ,गूंजेगी इंसानियत की लय
हर कदम के साथ एक होते चलें हम
विश्वास खुद पर कर, आगे बढ़ते चलें हम
जब होगा हर इंसान आंतक के विरुद्ध
सोच सकेगा न कुछ और तू - न हार न पराजय
न आतंक न भय , तब होगी शान्ति की जय
दिल मायूस हो उठता है , खून जब बेहता है
पर न बने कमज़ोर न मजबूर क्यूंकि
अन्धकार में है वो जो आतंक को हथियार बनाए
अधिकार है हमे की हम उस आतंक को ठुकराए
न खुदा न कोई दूजा करेगा तय
विश्वास खुद पर ही कर बढ़ना आगे
न आतंक न भय , होगी शान्ति की जय
हर कदम के साथ बनता चल तू निर्भय
रह कर अकेला कोई न जीत पाया है
हाथों से हाथों को मिल कर ही वो आतंक देश बन पाया है
हो एहसास ये जब हमे
एक जूट होगा हर इंसान आतंक के विरुद्ध
अकेला रह जायेगा वो आतंक देश
मजबूत होगा इंसान ,गूंजेगी इंसानियत की लय
हर कदम के साथ एक होते चलें हम
विश्वास खुद पर कर, आगे बढ़ते चलें हम
जब होगा हर इंसान आंतक के विरुद्ध
सोच सकेगा न कुछ और तू - न हार न पराजय
न आतंक न भय , तब होगी शान्ति की जय
Comments
Post a Comment