Khushiyon ki zameen
खुशियों की न ज़मीन होती न आसमान
होने को एक पल में हवा हो जाती
रहने को संग सदियाँ बिता देती
खुशियों की न ज़मीन होती न आसमान
बस इस दिल से निकलती
इस दिल से होती ये जवान
गहरे सागर से मोती चुन लो
या बारिश के बसरते पानी से ओले
हर दिल अपनी ख़ुशी चुनता है
बेफिक्र के गुब्बारों से हवाओं में उड़ता है
न ज़मीन देखता न असमान
बस यूँ ही खुशियों से भरी ज़िन्दगी
जीने की चाहत करता है
और वो ये जनता है
खुशियों की न ज़मीन होती न असमान
बस इस दिल से निकलती
इस दिल से ही होती ये जवान
होने को एक पल में हवा हो जाती
रहने को संग सदियाँ बिता देती
खुशियों की न ज़मीन होती न आसमान
बस इस दिल से निकलती
इस दिल से होती ये जवान
गहरे सागर से मोती चुन लो
या बारिश के बसरते पानी से ओले
हर दिल अपनी ख़ुशी चुनता है
बेफिक्र के गुब्बारों से हवाओं में उड़ता है
न ज़मीन देखता न असमान
बस यूँ ही खुशियों से भरी ज़िन्दगी
जीने की चाहत करता है
और वो ये जनता है
खुशियों की न ज़मीन होती न असमान
बस इस दिल से निकलती
इस दिल से ही होती ये जवान
Bahut khoob !!!!!!! :)
ReplyDeletethnks ankit!!
Deletekeep reading
keep celebrating!!!