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Showing posts from December, 2012

Zindagi ek peheli

ज़िन्दगी एक पहेली है सब कहते है यूँ कह के सब भूल जाते है, अगले ही पल इसे समझाना चाहते है और उलझनो  को गले लगाते है राहो पे अकेले चलना है और संग चल रहे काफिलों में भी डूबना है।। हर मोड़ नया रंग दिखा रह था   पर रंगो की चाहत खोने  लगी.. गम के वो पल आंसुओं के संग बहते नहीं खुशियो के लम्हे पलक झपकते पिघल जाते सूरज की रौशनी से ही दिन नया और सूरज से ही शाम नई  दिल को कोस  रहा हर  कोई पर इस दिल से ही तो ये ज़िन्दगी और इस दिल को हम समझाते ज़िन्दगी एक पहेली है पर कह के सब भूल जाते

zindagi abhi baaki hai

कुछ रातें चाँद बिना सजने लगी कुछ लम्हे  न चाहते हुए बी सच होने लगे कुछ चाहते पीछे छुट रही थी कुछ ख्वाहिशें खिलाफ हो रही थी  फिर एक नई  सुबह मैं जिन्गदी जागी है  कह रही मुझ से जिन्गदी अभी बाकी है  कुछ यादें लहरों सी  मचले पल पल  किनारों तक आ के बिखरे हर पल  रुला रही इस दिल को ये यादें  बेवफा हो रही थी हवाएं  भी एक पल में एक सदी समां रही थी  ये सदी काटे नहीं कट रही थी तभी एक नई सुबह में  जिन्गदी जागी है  कह रही मुझ से जिन्गदी अभी बाकी है  तारो के सेहर चला गया कोई  इंसानों की बस्ती को छोड़ अकेले रह गए हम अजीब था वो मोड़ अजनबी लगने लगा हर चेहरा फीका लगने लग हर रंग तभी एक नई रंग में सुबह जागी है  कह रही मुझ से जिन्गदी अभी बाकी है 

behisaab baatein

अनगिनत  चेहरे  है  आस  पास बेहिसाब बातें  हो   रही  आस  पास कुछ  दिल  को  छु  रही कुछ  दिल  को  चूब  रही काश  ये  बातें  ये  चेहरे  हवा  के  झोंके  होते... छु  के  गुज़र  जाते नज़र  न  आते ..दिल  को  यूँ  न  रुलाते.. कोई  इस  दिल  के  करीब  था कोई  अजनबी  था .. दो  बातें  हर चेहरा  कर  रहा  था .. काश  ये  दो  बातें  दो  पल  से  होते .. रात  के  साथ  बीत  जाते दिल  को  यु  न  रुलाते... ज़िन्दगी  का गम  उनकी बातों  में   ढल  गया बातों का रंग मजाक   में  बदल  गया ... ना  किसी  को  दर्द  दिख  रहा  था ...न  ज़ख्म बस  बातें  कही  जा रही  थी .. काश  ये...