Muskan

हर मुस्कान के दो माईने है...
कभी वो ख़ुशी कभी गम के आईने है..
जो पहचानो तुम इस नकाब को..
समझो कलाकार हो तुम.......
खो गए इनकी परछाइयो में कहीं....
समझो नादान हो तुम...

हर  वो दिल जो अज़ीज़ है
करता है यूँ कभी कभी.....
ख़ुशी तो संग बाट लेता...पर दर्द को छुपाता है... 
जो महसूस करो तुम इस एहसास को....
समझो आशिक  हो तुम....
अगर न समझे ये  माईने....
तो ज़िन्दगी को  समझना बाकि है....
ये जान लो तुम.....

आस्मां भी तारों की कहानी छुपाता है...
सूरज की बाहों में बेदाग मुस्कुराता है.....
हर ज़र्रे के दो एहसास होते है....
कभी वो ख़ुशी कभी वो गम के पास होते है....
मुस्कुरा कर हमने भी दर्द छुपा लिए....
दुआ है इस दिल की...जब भी मिलो हमसे...
इस नकाब को पहचान लो तुम....!!!

Comments

  1. क्या बात क्या बात !!!
    बड़ी खूबसूरत है आपकी मुस्कान !!

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  2. hahha...meri muskan n wo b khoobsurat...:D neways thanks!!!

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