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All the best

सफलता में जश्न और निराशा में वो प्रश्न दोनों ही सिखाते ज़िंदगी की मायने पर दोनों ही अंत नहीं , सिर्फ एक किस्सा है मुस्कुरा के बढ़ते चलो , सीखते चलो, ये तो ज़िन्दगी का हिस्सा है.

शक्ति

  तुझ में  है शक्ति मत भूल इसे  होगा सही , अगर  सही  सोचे।  कल की सुबह आएगी नए रंग ले के,  ख़त्म होगी ये कहर की लहर।  जियेंगे हम नया इतिहास लिखेंगे, साहस के रंग से , शक्ति के संग से।  होगा सही , अगर सही सोचे , तुझ में है शक्ति मत भूल इसे। 

इंद्रधनुष

मेरी भांजी के कविता प्रतियोगिता  के लिए लिखी गई कविता  इंद्रधनुष  बरखा  और धुप  जब जब  संग आई है  इंद्रधनुष आसमां में लाई  है आसमान में मिलते सात रंग , मैं देखती हूँ  देख के इंद्रधनुष के रंग  , मैं खुश होती हूँ।  प्रकृति हमारी कितनी सुन्दर है  बरखा ,धुप और बादल सब मिल कर मुस्कुराते है  इंद्रधनुष को लाते है , हमे  भी मिल जुल कर रहने की बात बतातें है  कोयल भी करती  है स्वागत इंद्रधनुष का  अपने गीतों से , मैं भी करती हूँ स्वागत इंद्रधनुष का अपनी  कविता से  आओ  मिलकर रहते हम सब, हो के  खुश जैस बरखा धुप बादल और इंद्रधनुष  

Kisan Anna data

  किसन हमारे अन्न दाता है ।। हम खाते हैं जो अन्न , वो किसान की मेहनत से आता है नहीं फेकेँगे कभी अन्न को करेंगे किसान की मेहनत को सफल सब स्वस्थ रहे , खाए प्रेम से अन्न, और करें अन्न दाता को नमन।

एक ज़िन्दगी तूने भी जानी है

अनगीनत  कहानीयों में तू भी एक कहानी है , इस आस्मां ज़मीन के बीच एक ज़िन्दगी तूने  भी जानी है। न कर फ़िक्र क्यूंकि  खुदा तेरे भी पास है , और वही साँसे तेरे भी  पास है। हर दिन एक नयी सोच ,पुरानी ज़मीन पर। एक एक उलझन खुलती जाएगी, तेरी कहानी तुझ  से  बनती जाएगी। बस मुस्कुरा कर शुक्रिया कर, अपनी  साँसों  से मेहनत का खून बढ़ा कर हर दिन को गले लगा , अनगीनत कहानियो से न घबरा, क्यों की उन अनगीनत  कहानीयों में तू भी एक कहानी है ,  इस आस्मां ज़मीन के बीच एक ज़िन्दगी तूने  भी जानी है। 

एक मन एक जीवन

 रंग राग की रौनक आस्मां पे वो सुनहरी धनक सब  तेरे  मन की कृति है एक मन एक जीवन , लाखों विचार तार उलझे से सारे पर धीरे धीरे सुलझा कर हर रंग गहरा करता चल सारे राग गाता चल सब तेरे मन की कृति है एक मन एक जीवन  , लाखों विचार तार सब तेरे मन की कृति है खुद से जिसने जंग लड़ी है उसने जंग वो जीती  है जीत  भले  हो अदृश्य  सी फिर भी वो तेरी है  तेरा मन तेरा जीवन , तेरे विचार तार एक मन एक जीवन - सब तेरी कृति है। 

वक़्त की लहर

वक़्त की लहर बह रही है  तू साहिल पर है - न जाने क्या गलत क्या सही  है  कुछ अजीब सा लगे सब - जबकि तू वो ही  है ,जहाँ भी वही है  वक़्त की लहर बह रही  है  बह कर बिखरती है साहिल पर, तोड़ जाती है वो रेत के महल , फिर प्यार से सहलाती है वो लहर  शायद कुछ सीखा रही हो मनो  तू साहिल पर है - न जाने क्या गलत है क्या सही  है बस प्रयास करता चल, खुद से सच बोलता चल  धुंद की चादर हटाता चल , गिर कर उठा है वो जो आस्मां तक उड़ा है  तेरी उड़ान अभी बाकी है , बाकी है आने वाला पल