Dil hun dhadakta hun
दिखे जो हस्ता हुआ - है दिल का एक कोना न दिखे वो जो - है रोना लाखों पलों की निशानियाँ कुछ ख़ास दिलों की कहानियाँ सब बस रही इस दिल में बस ये दिल नहीं अब बस में रोक लूँ खुद को या बह जाने दूँ सारी कहानियाँ कह जाने दूँ और इस दिल को एक ज़िन्दगी जी जाने दूँ।। दिल भर आता है, आँखों में आंसू ठहर जाते आँखों में ख्वाब है आसुंओं को न रख पाते बह जाने देते यूँही जिंदा हूँ मैं हस्ता हूँ रोता हूँ दिल हूँ धड़कता हूँ नई धुप में चल पड़ा हूँ खुशियों का जश्न मानते गमों को पीछे छोड़ते यूँही जिंदा हूँ मैं हस्ता हूँ रोता हूँ दिल हूँ धड़कता हूँ