yaarian
बेफिक्र बेखबर हो रहे पल खुश रहने की वजह यूँही मिल रही यारियां सारी हवाओं में घुल रही.. हवाओं में घुल कर जिन्दगिया बदल रही घूम घूम कर सारे रास्ते नापते रहेते है संग कभी गिर कर कभी गिरा कर हाफ्ते रहते है संग फिर एक घेरा बना कर....मुट्ठिया यूँ खोलते मनो फिजाओं को आज़ाद हो हम करते खुश रहने की वजह यूँही मिल रही यारियां सारी हवाओं में घुल रही.. घोड़ो पे सवार रफ़्तार की रेस हर पल तू हारे मैं जीतूँ...जीत कर तुझ संग ही वो जीत मैं बाटूँ एक जोश बहता रहे युही , हो जब संग फुरसतो के लम्हे बिठाये बिताये बेफिक्र हो कर इशक जताए खुश रहने की वजह यूँही मिल रही यारियां सारी हवाओं में घुल रही.. बारिशो में वो ज़मीन पे पानी बारी बारी भीग कर फिर ब्यान करना अपनी ही जुबानी ठण्ड से ठितूर कर हवाओं से लड़ कर, करना मन मानी और मुट्ठिया यूँ खोलते मनो फिजाओं को आज़ाद हो हम करते खुश रहने की वजह यूँही मिल रही यारियां सारी हवाओं में घुल रही..