charcha hui

Inspired from songs like kajra re(BnB) ,chokra jawan re(ishqzade), pritam pyare(Rowdy Rathore) etc!! :)

उसने चौक पे कुछ ऐसे मोहब्बत ज़ाहिर की...
हम तो चुप रह गए..
मगर पूरे शहर ने चर्चा की...!!!

ज़ालिम आशिक है...पर चुभन भी देता है...
जैसे गुलाबों में कटा भी कोई रहता है....
चुभे तभी तो याद आता है....
और ये आशिक नाम का कटा इस दिल को सताता है...
हम तो चुप रह गए....दर्द सह गए...
मगर पूरे शहर ने चर्चा की....

कह ले मुझे कटा या कसूर तेरे दर्द का..
आशिक हूँ  तेरा, तेरी डांट में भी इश्क़ का रस ढूंड लूँ
ज़माने की परवाह न करूँ
तू भी मेरे इश्क में डूब जा

अरे  जा  जा ज़ालिम  आशिक मेरे
तेरी नियत न जाने कब बदल जाए.....

नियत का पता नहीं  पर
जो तू मेरे इश्क में  डूब जाये
तेरी दिल्ली को महल बना दूं...
चौक पे तेरे चाँद को ला दूं..
ज़माने की हवा भी बदल जाएगी
अँखियों में  सुरमा जो  लगाएगी
तो  चर्चा  फ़िल्मी सितारों सी होगी ...
इस चौक पे क्या पूरे बम्बई  नगरिया में होगी...

-तू धोकेबाज़ है
-तू मेरी हमराज़ है..
-अरे जा रे जा  तू ढूलता जहाज़ है...
-नज़रों  से बस तारीफें करता हूँ
-फिर पलट कर मुझ पे मरता है..
-बाकि सब तो हवा है..तू अभी भी जवां है ....
-इसी जवानी पे तुने  कुछ ऐसे मोहब्बत ज़ाहिर की...
हम तो चुप रह गए..
मगर पूरे शहर ने चर्चा की...!!!


Comments

Popular posts from this blog

शिष्टाचार के नियम

Haste Muskurate

Rab ka banda