Paani ka Rang

पानी का रंग सोच के
आँखें वो नम देख के...
पानी का रंग सोच के

तुझ में ही बहता मैं गया....
तुझ में ही बहता मैं गया....

नज़रों का ज़ोर या दिल का शोर था वो...
दिल तो मेरा था पर तेरी ओर था वो..
नज़रों का ज़ोर या दिल का शोर था वो...
दिल तो मेरा था पर तेरी ओर था वो..

इश्कों का ढंग सोच के.....
इश्कों का ढंग सोच के.....
तुझ से ही इश्क हो गया....
तुझ से ही इश्क हो गया....

अब जो तू है संग मेरे..
आसुंओं को   छोड़ दे....
अब जो तू है संग मेरे..
आसुंओं को छोड़ दे....

खुशियों के रंगों को थामें..
ये जहाँ तू रंग दे...!!!!
खुशियों के रंगों को थामें..
ये जहाँ तू रंग दे...!!!!

चंदा का रूप देख के....
अक्स तेरा महसूस कर के....
तेरा ही  मैं होता गया....
तुझ में ही बहता मैं गया..
तुझ में ही बहता मैं गया..

मौसम की अंगड़ाई दिल को छु रही..
धुप में ये बरखा यूँ खिल रही...
कारी रातें भुला रही..भीगी बाँहों में बुला रही..ये बरखा आज...
तू भी आ सब कुछ भूल के...
तू भी आ सब कुछ भूल के...
मुझ में ही खुद को ढून्ढ ले....

पानी का रंग सोच के
चंदा का रूप देख के....
इश्कों का ढंग सोच के.....
तुझ से ही इश्क हो गया....
तुझ से ही इश्क हो गया.... 

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