tera wajood
तेरा वजूद, तेरी कहानी ,तेरी मोहब्बत सब तेरे होने से है, मिट्टी के शरीर से परे ,तू एक जान है। जो बसे जहाँ, जिस शहर रौशन हुआ वो मकान है। बस युहीं मुस्कुराते हुए तू सिखाता चल जीने का तरीका बढ़ती उम्र के साथ ,तेरी तकलीफें कम होती जाएँ पच्चीस का हो रहा आज तू, और बोलूँ मैं यही तेरी निन्यानबे जन्म तारिक जब आये। तेरी सोच , तेरा नज़रिया सब तेरे होने से है , मिट्टी के शरीर से परे ,तू एक जान है। जो बसे जहाँ, जिस शहर रौशन हुआ वो मकान है।