Ishqzaaade
* खुदा के दीदार कि दुआ माँगी थी
* वक़्त की रेत बेफिक्री से फिसलने लगी
मौसम बदलने लगे , मोहब्बत बदलने लगी।
* दो पल कि ख़ामोशी हज़ारों एहसास बयान कर गई
बदलते रिश्तों कि गूँज सुना गई।
और शायद खुदा ने मोहब्बत कि शक़्ल ओढ़ ली।
* तेरे हाँ के इंतज़ार में तुझ से मोहब्बत बढ़ती गई
जब जब खुद को रोकना चाहा , धड़कने न जाने क्यूँ डरती रही
और तेरे हाँ के इंतज़ार में ये मोहब्ब्त बढ़ती गई।
* तेरी हाँ के बाद , अब ज़िन्दगी जन्नत लगने लगी ,
मोहब्बत के रंग में जो रमने लगी।
* छत पर बैठ सारी रात तेरे संग लम्हों को सजाया है
सूरज की चादर तले ,इस जहाँ कि नज़रों से छुपाया है
* तेरे हाँ के इंतज़ार में तुझ से मोहब्बत बढ़ती गई
जब जब खुद को रोकना चाहा , धड़कने न जाने क्यूँ डरती रही
और तेरे हाँ के इंतज़ार में ये मोहब्ब्त बढ़ती गई।
* तेरी हाँ के बाद , अब ज़िन्दगी जन्नत लगने लगी ,
मोहब्बत के रंग में जो रमने लगी।
* छत पर बैठ सारी रात तेरे संग लम्हों को सजाया है
सूरज की चादर तले ,इस जहाँ कि नज़रों से छुपाया है
* वक़्त की रेत बेफिक्री से फिसलने लगी
मौसम बदलने लगे , मोहब्बत बदलने लगी।
* दो पल कि ख़ामोशी हज़ारों एहसास बयान कर गई
बदलते रिश्तों कि गूँज सुना गई।
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