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Showing posts from November, 2011

baaware jiya

बाँवरे से जिया में हलचल है... चुब रहे कांटे से ये हवा के झरोके...... तारे भी आँखों को सुकून न दे रहे....यूँ टीम टिमा रहे..... आज न जाने किस  घडी चैन आये..... रहत मिले या ये रात पिघल जाये.... इस बेचैनी में दिल ने अजीब सा पासा फेका.....  उसकी धुंदली तस्वीर  बनाने लगा और मेरी नसे  थमने  लगी ... ये हवा के झरोके काटे से चुबने लगे.. बाँवरे से जिया में हलचल बदने लगी.. ओ साथी रे...ये कैसा जादू तेरा..... मखमली सी रात को भी काट न पाऊ मैं.... काट रही ये मुझे हर गुज़रते लम्हे में..... मगर तेरे साथ की आशा ने जोड़े रखा है.... दूर काहे मुझ से यूँ तू है...... इस दिल की जान तू है...... तू संग जो है...तो सूखे पत्ते भी जी उठे.... ये रात भी तारों से सजने लगे..... वरना हर ज़र्रा धोखा  देता है..... पत्ते भी उड़ जाते है....तारे भी सो जाते है.... न जा दूर यूँ...ओ साथी रे..... ये कैसा जादू तेरा........ न जा दूर यूँ ..ओ साथी रे....

Vande Matram

वन्दे मातरम वन्दे मातरम  जीवन तुझसे है तुझसे हर मौसम पुष्प सुमन महक रहे हर डगर सूर्य भी करता नद्मस्तक अपना सर माँ तेरी छाँव अनमोल है...... तू करोडो दिलों का  है संगम वन्दे मातरम वन्दे मातरम सरहदों की जंग से हो रहा तेरे हृदय पे वार प्रण है माँ.....तुझ से...ये आस्मां है गवाह... तेरी रक्षा ही परम धर्म है लहू की न फ़िक्र ,जान से पहेले कर्म है माँ तेरी छाँव अनमोल है...... तू करोडो दिलों का  है संगम वन्दे मातरम वन्दे मातरम हर कण में जाग उठे वो भक्ति....हर कण जाग उठे.... मातृप्रेम की है वो शक्ति..... सागरों के तट से.....हिम की छोटी तक....  बीती हुई सदियों से..... इस  क्षण तक..... नमन है तुझे माँ....तेरे ह्रदय की करुणा को..... माँ तेरी छाँव अनमोल है...... तू करोडो दिलों का  है संगम वन्दे मातरम वन्दे मातरम