MASTI
ढूँढ ज़रा सी मस्ती , खो गयी थी जो यही कहीं, इन लम्हों में, रोज़ की राहों में. घूम के निकल ,हवा संग चल अब तू ओ यारा. मौसम आया संदेसा ले के..... बदल रहा है हर पल, हसी बिखेरते चल रंगों को उड़ाते चल हाथ मिला नच ले मस्ती संग ज़रा सा तू भी मज़ा कर ले !!!!!!!!!!!!!!!! मस्ती मिली तो झूम , न मिली तो थोडा और ढूंड पर मुस्कुरा , खिलखिला ,न रो किसी बात पे तारों पे है कहीं कोई दास्तान छुपी आसमान पे कहीं न कहीं लिखी अपनी भी कहानी................. न सोच न दिमाग लगा आने वाला कल , कल ही आएगा पर जाने वाला पल तो छुटता ही जायेगा पकड़ उस पल को कहीं ज़रा सी मस्ती ढूंड यहीं .............. हाथ मिला नच ले मस्ती संग ज़रा तू भी मज़ा कर ले!!!!!!!!!!!!!!!