SAJNI
कुछ खाली सा है ये मन.... ज़रा फीकी सी है धड़कन......... ढूँढ रहा हूँ तुझको आधी रात में..... तारों की बारात में....असमान के साथ में....... ओ सजनी रे.......तू कहाँ..... ओ सजनी रे.....तू कहाँ..... तेरे दिल का दिलदार यहाँ....... ओ सजनी रे..... तू कहाँ..... बादलों के नीचे ,लहरों के पीछे..... साजन चले है निकल ...... होश तो खो चुके है....अंदाज़ भी गए है बदल.... तू न मिली तो चाँद के संग करता हूँ इज़हार....... दिल हुआ जा रहा है बेक़रार..... ओ सजनी रे.......तू कहाँ..... ओ सजनी रे.....तू कहाँ..... तेरे दिल का दिलदार यहाँ....... ओ सजनी रे..... तू कहाँ..... धीमी धीमी सी ज़िन्दगी चल रही है पल पल हर पल प्यार चढ़ रहा है....... धुंडू कोई परी सी , दिल की खरी सी.... न मिली हो अबतलक जो....मिल जाये अब मुझे वो.... तो पूछूँ में यही.......... ओ सजनी रे.......तू कहाँ..... ओ सजनी रे.....तू कहाँ..... तेरे दिल का दिलदार यहाँ....... ओ सजनी रे..... तू कहाँ.....